दुनिया की सबसे आरामदायक ट्रेनों की रैंकिंग में दूसरा स्थान रखने वाली पैलेस ऑन व्हील्स चालू पर्यटन सीजन के पहले फेरे के अंतर्गत रविवार को जैसलमेर पहुंची। निर्धारित समय पर सुबह जैसलमेर रेलवे स्टेशन पहुंची पैलेस ऑन व्हील्स में सवार सैलानियों का प्लेटफार्म पर उतरने के दौरान लोक कलाकारों ने ढोल-ढमाकों व नृत्य की छटा बिखेरते हुए पारम्परिक ढंग से स्वागत किया। उनका स्वागत करने वालों में पर्यटन क्षेत्र से जुड़े लोग भी शामिल थे। मरु संस्कृति से जुड़ी स्वर लहरियों के साथ लोक कलाकारों ने नृत्य की बानगी पेश करते हुए देशी-विदेशी सैलानियों को उनके खास होने का अहसास करवाया। पहले फेरे में टे्रन में कुल 31 पर्यटक आए। इनमें 19 विदेशियों के साथ 12 भारतीय शामिल थे। जैसलमेर पहुंचने पर सैलानियों का तिलक कर व माल्यार्पण के साथ पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया, जिससे वे रोमांचित नजर आए।
इंटीरियर को किया और आकर्षक
पूर्व में भारतीय रेलवे और पर्यटन विभाग की साझेदारी में चलने वाली शाही ट्रेन पिछले साल से निजी क्षेत्र द्वारा संचालित की जा रही है। ट्रेन की भीतरी साज-सज्जा में और बदलाव देखा गया है। इस बार इसमें एक कोच को स्वर्णनगरी से प्रेरित होकर स्वर्ण-महल नाम दिया गया है तो एक शीशमहल के नाम से सजाया गया है। बताया गया कि शीशमहल का इंटीरियर करने में जयपुर के ऐतिहासिक आमेर महल में शीशे का काम करने वाले कलाकारों की पीढ़ी के कारीगरों ने अहम भूमिका निभाई है। शाही रेल में आए यात्रियों ने जैसलमेर के सोनार किले, गड़ीसर सरोवर, कलात्मक हवेलियों, सम के रेतीले धोरों आदि का भ्रमण किया और वे अभिभूत नजर आए। 8 दिन और 7 रात के सफर वाली पैलेस ऑन व्हील्स की यात्रा प्रति बुधवार को नई दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन से शुरू होती है और जयपुर, सवाईमाधोपुर, चित्तौडगढ़़, उदयपुर, जैसलमेर, जोधपुर, भरतपुर, आगरा शहरों की यात्रा करवाती है।
खास लोगों की पहली पसंद
दुनिया की सबसे आरामदायक ट्रेनों की सूची में पिछले कई वर्षों से शुमार पैलेस ऑन व्हील्स इसमें सफर करने वाले यात्रियों को राजसी ठाठ-बाट का अहसास करवाने के साथ उन्हें सभी तरह की अत्याधुनिक सुविधाएं मुहैया करवाती है।
पैलेस ऑन व्हील्स की तर्ज पर इस तरह की कई और टे्रनें भी संचालित की जा रही हैं। सभी ट्रेनें भारत के लगभग हर उस राज्य में चलाई जा रही है जो पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
राजसी सुविधाओं से भरपूर पैलेस ऑन व्हील्स की शुरुआत 26 जनवरी 1982 से हुई और तब से आज तक इस टे्रन में 50 हजार से ज्यादा यात्रियों को आलीशान हवेलियों, शानदार किलों और रेत के टीलों के लिए मशहूर शहरों का भ्रमण करवाया जा चुका है।
इस ट्रेन में सफर करने वाले पर्यटक चाहे वे देशी हां या विदेशी, उन्हें सुपर प्रीमियम पर्यटक माना जाता है क्योंकि वे बड़ी धनराशि खर्च कर इसमें सफर करने का लुत्फ उठाते हैं।