मध्यप्रदेश में हो रही झमाझम बारिश के कारण चम्बल नदी के चारों बांधों के गेट खोल दिए गए। गांधीसागर बांध से लगातार पानी छोड़े जाने से रावतभाटा के राणा प्रताप सागर बांध के रविवार को दो गेट खोल दिए गए। यहां से 78 हजार क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है।
बांध के गेट खोलने से पहले चंबल माता की पूजा-अर्चना की गई। पहले सायरन बजाकर आसपास के लोगों को सूचित किया गया। राणा प्रताप सागर बांध पर पिछले साल स्काडा सिस्टम शुरू कर दिया था। दोनों गेट स्काडा सिस्टम से कम्प्यूटर का बटन दबाकर खोले गए।पहला गेट सवा 10 बजे व दूसरा गेट 11 बजकर 54 मिनट पर खोला गया। इस सीजन में गांधी सागर के दूसरी बार व राणाप्रताप सागर के पहली बार गेट खुले हैं।
जलसंसाधन विभाग के अधिशासी अभियंता नीरज अग्रवाल ने बताया कि गांधीसागर बांध के तीन स्लूज (छोटे) गेट शनिवार दोपहर खोलने से लगातार 62 हजार 296 क्यूसेक पानी की आवक के बाद रविवार सुबह राणा प्रताप सागर बांध का जलस्तर पूर्ण भराव क्षमता 1157.50 फीट के मुकाबले 1157.40 फीट पहुंचने पर गेट खोलने का निर्णय किया गया। पहला गेट 9 नंबर खोला गया और 35 हजार क्यूसेक पानी की निकासी की गई।
दूसरा गेट 10 नंबर खोला गया। इससे 33 हजार क्यूसेक पानी की निकासी शुरू की गई। बांध का जलस्तर 1157.40 फीट स्थिर रखा जाएगा। उसके बाद जवाहर सागर का जलस्तर 975.30 फीट मापा गया। यहां 79620 क्यूसेक पानी की आवक होने पर 4 गेट खोलकर 68697 और विद्युत उत्पादन कर 10823 क्यूसेक पानी की निकासी जारी थी। कोटा बैराज का जलस्तर 853.40 फीट दर्ज किया गया। यहां से 8 गेट खोलकर 70 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।
बांध में आ रहा 62 हजार क्यूसेक प्रति सैकंड पानी
राणा प्रताप सागर बांध में प्रति सैकंड 62 हजार क्यूसेक पानी आ रहा है। पिछले पांच-छह दिनों की बात की जाए तो बांध में रोजाना 5 से 6 हजार क्यूसेक पानी की आवक हो रही है।
सितंबर में लगातार छह साल
राणा प्रताप सागर बांध के सितंबर 2019 में चंबल बाढ़ विभीषिका की वजह से सभी 17 गेट खोले गए थे। साल 2019 से हर वर्ष सितंबर में गेट खुल रहे हैं। 2013 से पहले 10-10 साल के अंतराल में गेट खुले थे। 2016 के बाद 2019 में गेट खोले गए थे।