इस उम्र के बाद राहु देता है अच्छे रिजल्ट, क्या जानते हैं राहु के बारे में यह तथ्य
सूर्य, शनि, चंद्रमा, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, केतु हों या राहु, हर ग्रह के खास गुण होते हैं और ये एक ही समय में किसी को अच्छा फल देते हैं तो किसी को बुरा। क्या आपको पता है राहु किस उम्र में अच्छा रिजल्ट देता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राहु ग्रह कुंडली के अलग-अलग भावों पर अलग प्रभाव डालता है। पापी ग्रह राहु का जीवन पर बड़ा असर होता है।
कुंडली में इसके मजबूत और शुभ स्थान पर होने से जातक को अच्छे परिणाम और खराब होने या अशुभ स्थान पर होने से बुरे फल मिलते हैं।
राहु ग्रह को कठोर वाणी, जुआ, यात्रा, चोरी, दुष्ट कर्म, त्वचा के रोग, धार्मिक यात्राओं का कारक माना जाता है।
वैदिक ज्योतिष में इसे किसी राशि का स्वामित्व प्राप्त नहीं है। लेकिन मिथुन राशि में यह उच्च और धनु राशि में नीच भाव में होता है।
छाया ग्रह राहु 27 नक्षत्रों में आद्रा, स्वाति और शतभिषा नक्षत्रों का स्वामी है।
चंद्रमा जब सूर्य पृथ्वी के बीच और जब चंद्रमा का मुंह सूर्य की तरफ होता है तो पृथ्वी पर पड़ने वाली चंद्रमा की छाया राहु ग्रह का प्रतिनिधित्व करती है।
कूटनीतिक कार्य, राजनीति, आखेट, कानून से सबंधित कार्य, सेवा, बुरे कर्म, चोरी, जादूगर, हिंसा आदि ज्योतिष में राहु ग्रह का प्रतिनिधित्व करते हैं।
वहीं मांस, शराब, गुटका, तंबाकू, बीड़ी, सिगरेट और अन्य मादक पदार्थ राहु से जुड़े हैं।
जहरीले जीव और काले या भूरे रंग के पशु पक्षी राहु का प्रतिनिधित्व करते हैं। नागरमोथ की जड़ और गोमेद रत्न राहु को मजबूत करता है। इसका प्रिय रंग गहरा नीला है।
प्रायः 42 साल की उम्र के बाद राहु से अच्छे परिणम मिलते हैं।
मां दुर्गा ही राहु को नियंत्रित कर सकती हैं। इसलिए व्यक्ति को हमेशा मां दुर्गा के मंत्र जपना चाहिए।
या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।। या ऊं श्रीं ह्रीं श्रीं दुर्गा देव्यै नमः मंत्र का जाप करना चाहिए।